उत्तराखंड की लोक संस्कृति जागर लोक उत्सव, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की पहल

उत्तराखंडी लोक संस्कृति में ‘ढोल-दमाऊ’ मंगल उत्सवों की शान है। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए प्रदेश सरकार सकारात्मक कदम उठा रही है। देहरादून में ‘जागर ढोल संस्कृति उत्सव’ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए और उन्होंने सभी से उत्तराखंडी लोक कलाओं को संरक्षित करने की अपील की। राजधानी देहरादून में आईआरडीटी सभागार में जागर लोक संस्कृति उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और सुबोध उनियाल भी मौजूद रहे। इस मौके पर उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों के साथ ढोल दमाऊं की सुंदर प्रस्तुतियां देखने को मिली। उत्तराखंड के संस्कृति की पहचान को आगे बढ़ाने के लिए कार्यक्रम में मौजूद लोक गायक प्रीतम भरतवाण को मुख्यमंत्री धामी ने धन्यवाद दिया और कहा कि प्रीतम भरतवाण उत्तराखंड की पहचान को आगे बढ़ा रहे है। मैं उनका धन्यवाद करता हूं। साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके पर एक पुस्तक का विमोचन किया जिसको सच्चिदानंद सेमवाल ने लिखा है, जोकि प्रीतम भरतवाण की जीवनी पर आधारित है।

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