2020 में केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति, राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( NEP) को लागू किया गया था जिसमें की शिक्षा के क्षेत्र में तमाम बदलाव किए गए थे उसी के तहत परीक्षा संबंधी भी तमाम नियम कायदे बदले गए हैं राष्ट्रीय शिक्षा नीत के तहत हाई स्कूल और इंटर मीडिएट की परीक्षा एक साल में दो बार करने के नियम भी इस नीति के तहत लागू किए गए हैं। उत्तराखंड सरकार ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्णतया अपनाने की बात कही है उसी के तहत अब राज्य में हाई स्कूल की परीक्षाएं 1 साल में दो बार करने की कवायत तेज हो गई है
हाल ही में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्धन द्वारा अन्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परीक्षा पैटर्न एवं अन्य प्रावधानों को राज्य में समाहित करने के दिशा निर्देश दिए हैं। जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि अब उत्तराखंड बोर्ड में भी हाई स्कूल की परीक्षाएं साल में दो बार कराई जाएगी।
इस विषय पर निर्देशक माध्यमिक शिक्षा डॉ मुकुल कुमार सती का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परीक्षा पैटर्न को सीबीएसई बोर्ड भी अपनाने जा रहा है इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार इस प्रक्रिया को अपनाएगी और राज्य में अब हाई स्कूल की परीक्षा साल में दो बार कराई जाएगी।
आपको बता दें कि अगर राज्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परीक्षा पैटर्न को अपनाता है तो राज्य के तमाम हाई स्कूल के अभ्यर्थियों को जहां परीक्षा में चुनाव का अधिकार मिलेगा वही परीक्षा के दौरान मानसिक तनाव भी कम होगा क्योंकि इस नीति के तहत अगर परीक्षा दो बार होती है तो जिस परीक्षा में अधिक अंक होंगे उसे चुना जा सकता है।
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