हरकी पैड़ी क्षेत्र को भिखारी मुक्त नहीं बना पा रहा है प्रशासन 

हरिद्वार में हर की पैड़ी पर जमा रहने वाली भिखारियों की भीड़ श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है, यहां हजारों की तादाद में भिखारी जमा रहते हैं प्रशासन चाह कर भी हर की पैड़ी क्षेत्र को भिखारी मुक्त नहीं बन पा रहा है। हरिद्वार की हर की पैड़ी को विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल के रूप में तो जाना ही जाता है, लेकिन ये क्षेत्र भिखारियों का भी गढ़ है। क्योंकि साल भर यहां लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं और पुण्य कमाने के लिए भोजन, कपड़े और पैसे दान करते हैं। इसी दान दक्षिणा के लालच में हरिद्वार में भिखारियों की संख्या बेतहाशा बढ़ गई है। भोजन और दूसरे सामान बांटे जाने के दौरान श्रद्धालुओं के साथ धक्का-मुक्की और छीना झपटी की घटनाएं भी अक्सर सामने आती रहती हैं। पुलिस और प्रशासन हर की पैड़ी से 7 को हटाए जाने के लिए समय-समय पर कार्रवाई करते हैं, लेकिन भिखारियों को रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था ना होने के कारण करवाई बे असर साबित होती है। दरअसल हरिद्वार के रोशनाबाद में बने भिक्षुक गृह की क्षमता महज सौ भिखारियों को रखने की है जबकि मौजूदा समय में भिखारी की तादाद हजारों में है। लिहाजा हर की पैड़ी को भिखारी मुक्त बनाने के लिए प्रशासन की कार्रवाई ना काफ़ी साबित होती है। हाल ही में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से धर्म नगरियों में जमा रहने वाले भिखारियों के पुनर्वास के लिए नगर निकायों के साथ मिलकर कवायद शुरू की है। साथ ही हर की पैड़ी कॉरिडोर का काम भी आगे बढ़ रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि हर की पैड़ी क्षेत्र कब तक भिखारी मुक्त हो पाता है।

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