उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई है। प्रदेश में कम मतदान को उत्तराखंड क्रांति दल ने लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं माना है। जनप्रतिनिधियों को चुनने के लिए लोगों में जिस तरह का उत्साह होना चाहिए ऐसा उत्साह कहीं देखने को नहीं मिला है। यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष पूरन सिंह कठैत ने कहा कि लगभग 35 गांवों ने चुनाव बहिष्कार किया क्योंकि कहीं पर सड़क न होना तो कहीं पर पानी नहीं होने की वजह से उत्तराखंड की जनता त्रस्त हो गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों के अंदर अपना जनप्रतिनिधि चुनने के लिए अब उत्साह नहीं रहा जो लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। वहीं प्रदेश में अब नगर निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे में निर्वाचन आयोग को मतदाताओं को जागरूक करने के लिए और अधिक सकारात्मक पहल करने की जरूरत है।
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