उत्तराखंड की पहली जौनसारी फिल्म ‘मेरे गांव की बाट’ को लेकर दर्शकों में उत्साह, उत्तराखंड में टैक्स फ्री करने की मांग

उत्तराखंड की पहली जौनसारी फीचर फिल्म ‘मेरे गांव की बाट’ के रिलीज होने के बाद दर्शकों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा। क्षेत्रीय भाषा की इस फिल्म को देखने के लिए दर्शक भारी संख्या में सिनेमाघरों में पहुंच रहे हैं। देहरादून और विकासनगर में इस फिल्म के प्रसारण के बाद अब हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के सिनेमाघरों में फिल्म के प्रसारण की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा इस जौनसारी फिल्म को गढ़वाली, कुमाऊनी के साथ हिंदी में डब करने की भी मांग बढ़ रही है। इस फिल्म के जरिए क्षेत्रीय संस्कृति को बढ़ावा देने और उत्तराखंड की संस्कृति और युवा पीढ़ी को इससे जोड़ने के लिए एक विशेष पहला की गई है। आपको बता दें कि इस फिल्म की संकल्पना उत्तराखंड इनफॉरमेशन डिपार्मेंट के जॉइंट डायरेक्टर केएस चौहान और निर्देशन अनुज जोशी ने किया है। फिल्म के मुख्य कलाकार अभिनव चौहान हैं। इनफॉरमेशन डिपार्मेंट के जॉइंट डायरेक्टर केएस चौहान ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली जौनसारी फीचर फिल्म बनाना खुशी की बात है। इस फिल्म के माध्यम से लोगों को जौनसार की समृद्ध संस्कृति, विरासत, रीति-रिवाजों को देखने और जानने का मौका मिलेगा। बीजेपी विधायक और जौनसार के बड़े नेता मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि यह फिल्म उत्तराखंड के ग्रामीण जीवन की सच्ची तस्वीर को दर्शाता है, जिसे उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और जीवनशैली को जीवंत रूप में पेश किया गया है। यह एक ऐसी फिल्म है, जो गांव, संस्कृति और परंपराओं से जोड़ती है। साथ ही ये भी दर्शाता है कि जौनसारी समाज के लोग किस तरह अपने संघर्ष और संस्कारों को जिंदा रखते हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की है।

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