उत्तराखंड कांग्रेस ने प्रदेश की धामी सरकार पर समान नागरिक संहिता की आड़ में उत्तराखंड वासियों के साथ बड़ा छलावा करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड के जनमानस वज्रपात करते हुए धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता में निवासी की जो परिभाषा दी है उसमें उन्होंने उत्तराखंड में मात्र एक साल से अधिक समय से रहने वाले व्यक्ति को यहां का निवासी मान लिया है। ऐसे में समान नागरिक संहिता जो कि अब एक कानून बन चुका है उसमें इस तरह का प्रावधान उत्तराखंड के लोगों के साथ एक बड़ा धोखा है और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की मंशा को उजागर करता है। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि भाजपा सरकार ने उत्तराखंड के सीने पर घाव देने का काम किया हो, इससे पहले भी 2018 में तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भू-कानून में संशोधन कर उत्तराखंड की जमीन बाहरी लोगों और भू माफिया के लिए गिरवी रख दी। दसौनी ने कहा की पूर्ववर्ती सरकारों में बाहरी व्यक्ति केवल उत्तराखंड में 200 वर्ग मीटर से ज्यादा की जमीन नहीं खरीद सकता था। बाद में त्रिवेंद्र रावत ने भू-कानून में बड़ा संशोधन करते हुए इस नियम को खत्म कर दिया। दूसरा कुठाराघात धामी सरकार ने नियम 143( ए )लैंड यूज में बदलाव करके किया।
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