विश्व प्रसिद्ध भगवान बदरीनाथ मंदिर के कपाट शुभ मुहूर्त पर सुबह 6ः00 बजे पूरे विधि विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। हजारों भक्त इस पावन पल के साक्षी बने। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर पहले दिन विशेष पूजा अर्चना की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के शुभ अवसर पर समस्त श्रद्धालुओं को बधाई दी है।
वीओ- बदरीनाथ धाम में ब्रह्म बेला पर सुबह 4 बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। हल्की बारिश के बीच आर्मी बैंड एवं ढोल नगाड़ों की मधुर धुन और स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत और नृत्य के साथ भगवान बदरी विशाल की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर जी, श्री उद्धव जी एवं गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हक हकूकधारी एवं बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासन एवं हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बदरीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए भगवान बदरीनाथ के दर्शन शुरू हो गए हैं। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बदरीनाथ के दर्शनों का पुण्य अर्जित किया। कपाटोद्घाटन के अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया था। कपाट खुलने के एक दिन पूर्व से ही बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का पूरी तरह से आगाज हो गया है।
*भू-बैकुंठ धाम और अन्य तीर्थ स्थलों पर भी जुटने लगी श्रद्धालुओं की भीड़।*
बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही भू-वैकुण्ठ धाम के आसपास तप्तकुण्ड, नारद कुण्ड, शेषनेत्र झील, नीलकंठ शिखर, उर्वशी मन्दिर, ब्रह्म कपाल, माता मूर्ति मन्दिर तथा देश के प्रथम गांव माणा, भीमपुल, वसुधारा जलप्रपात एवं अन्य ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की भीड़ जुटने लगी है।
*पिछले आठ सालों में इतने यात्री पहुंचे बद्रीनाथ धाम*
विगत वर्षों में लाखों श्रद्धालु बद्रीनाथ की यात्रा कर चुके हैं। पिछले आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2016 में 654355, वर्ष 2017 में 920466 तथा वर्ष 2018 में 1048051, वर्ष 2019 में 1244993 तथा वर्ष 2020 में 155055 श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे। वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण 197997 श्रद्धालु ही बदरीनाथ पहुंचे। जबकि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के बाद विगत वर्ष 2022 में 1763549 और 2023 में रिकार्ड 1839591 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुॅचे। इस बार शुरुआत में ही रिकॉर्ड पंजीकरण के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचने लगे हैं।
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