85 प्लस और दिव्यांग मतदाताओं के घर -घर जाकर पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान जारी

 

उत्तराखंड में 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं के घर -घर जाकर पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कराया जा रहा है। अभी तक 94.73 प्रतिशत मतदान पोस्टल बैलेट के माध्यम से हो चुका है। 85 वर्ष से अधिक 9376 मतदाताओं और 2806 दिव्यांग मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान किया है। 505 आवश्यक सेवाओं से जुड़े मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए आवेदन दिए हैं और वे 14 और 15 अप्रैल 2024 को मतदान करेंगे।

उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरूषोत्तम ने कहा कि सी-विजिल के माध्यम से कार्यवाही में उत्तराखण्ड देश में तीसरे स्थान पर है। राज्य में सी- विजिल के माध्यम से 19 हजार 532 शिकायते प्राप्त हुई हैं, जिनका त्वरित निस्तारण किया गया है। नेशनल ग्रीवेंस एड्रसल पोर्टल के माध्यम से लगभग 02 हजार शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिसमें से 05 शिकायतों पर कार्यवाही गतिमान हैं, अवशेष सभी शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। राजनीतिक पार्टियों द्वारा 2666 अनुमतियां मांगी गई, सभी अनुमतियां 06 से 07 घण्टे में दी गई हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इसके लिए 48 से 72 घण्टे का समय दिया जाता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन ड्यूटी में लगे कार्मिकों की सुविधा के दृष्टिगत राज्य में अनेक प्रयास किये गये हैं। राज्य में पहली बार बीएलओ ड्यूटी में लगे कार्मिकों को मतदाताओं से संपर्क करने के लिए फोन कॉल के लिए एक-एक हजार रूपये प्रदान किये गये हैं। वेब कास्टिंग टीम में लगे कार्मिकों को प्रतिदिन 300 रूपये का मानदेय दिया जा रहा है। पोलिंग पार्टियों को रहने और बिस्तर की व्यवस्था करने के लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। इसके लिए सभी जनपदों को धनराशि भी दी गई है। ये व्यवस्थाएं जिलाधिकारी स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित करवायेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राज्य में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किये गये हैं। राज्य में 60 लाख मतदाताओं को मतदान करने के लिए शपथ दिलाई गई है। पोलिंग पार्टियों को मतदान के लिए सामान ले जाने में किसी भी प्रकार से परेशानी न हो, सभी पोलिंग पार्टियों को बैग दिये गये हैं। राज्य में पहली बार पोलिंग बूथों पर बूथ हेल्थ मैनेजमेंट प्लान बनाया गया है। किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में पीठासीन अधिकारी सीधे संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र और डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास पूरा विवरण पहले से रहेगा।

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