उत्तराखंड तैयार कर रहा अपना ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम

 

आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों के दावों के निस्तारण में आ रही तकनीकी अड़चनों का समाधान अब जल्द ही संभव हो सकेगा। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद सिंह ह्यांकी ने जानकारी दी कि उत्तराखंड का अपना ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) तैयार किया जा रहा है, जिससे योजना के क्रियान्वयन में गति बढ़ेगी और नया सिस्टम ज्यादा सुविधाजनक होगा। योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों के साथ आयोजित समन्वय बैठक में ह्यांकी ने कहा कि मौजूदा समय में उपयोग हो रहे नेशनल हेल्थ अथारिटी (एनएचए) के टीएमएस में बार-बार तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। जिससे अस्पतालों को दावों के भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप एक अलग टीएमएस विकसित किया जा रहा है। चेयरमैन ने बताया कि नए सिस्टम में रिव्यू प्रक्रिया सरल, आनलाइन ट्रैकिंग पारदर्शी और दावोंओ का निस्तारण समयबद्ध होगा। इसके लागू होने से अस्पतालों को बार-बार प्राधिकरण कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि योजना का लाभअंतिम लाभार्थी तक पहुंचे और सेवा प्रदाता संस्थानों को भुगतान में अनावश्यक विलंब न हो। अस्पतालों से भी यह अपेक्षा है कि मरीजों की सुविधा एवं इलाज पर पूरा ध्यान दिया जाए और उपचार के बिल एनएचए एवं एसएचए के दिशा निर्देशों और मानकों के अनुरूप ही प्रस्तुत करें। ताकि आपत्ति न लगे और भुगतान में अनावश्यक विलंब न हो। गोल्डन कार्ड में आ रही दिक्कतों पर उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में आवश्यक बजट की व्यवस्था की जा रही है और शीघ्र ही स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी ने कहा कि किसी भी सेवा की गुणवत्ता व पारदर्शिता के लिए भी आपसी संवाद जरूरी है। उन्होंने सड़क हादसे के घायलों को निश्शुल्क उपचार सुविधा को लेकर अस्पतालों को प्रशिक्षण देने को कहा। बैठक में हिमालयन अस्पताल, श्रीमहंत इंदिरेश, कैलाश ओमेगा, ग्राफिक एरा, पैनेसिया, हंस फाउंडेशन सहित कई अस्पतालों के प्रतिनिधियों मौजूद रहे।

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