स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर सवाल, अधिकारियों पर मनमानी का आरोप

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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर सत्ताधारी दल के विधायक और देहरादून के पूर्व महापौर विनोद चमोली ने ही कई सवाल उठाए हैं। भाजपा विधायक ने कहा कि इस कार्य के लिए बनाए गए डीपीआर को दरकिनार कर अधिकारियों ने इसमें अपनी मनमर्जी की है। भाजपा विधायक के इस बयान का कांग्रेस ने समर्थन तो किया है लेकिन उनके ऊपर ही कटाक्ष करते हुए कहा है कि इतने दिनों से जब यह प्रोजेक्ट चल रहा था तो अब तक बीजेपी विधायक चुप क्यों थे। बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जो डीपीआर 2018 में बनाई गई थी और जिसके तहत देहरादून को केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए अनुमति दी थी उस डीपीआर पर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है। सत्ताधारी दल के विधायक ने अधिकारियों पर डीपीआर का उल्लंघन कर मनमानी करने और अपने हिसाब से काम करने के आरोप लगाए हैं। विनोद चमोली ने कहा कि विधानसभा में भी उन्होंने इसको लेकर सवाल उठाए लेकिन शहरी विकास मंत्री ने उनको चुप कर दिया। भाजपा विधायक ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत काम करने वाले सभी अधिकारियों और इसकी मॉनीटरिंग करने वाले एजेंसी और अधिकारियों पर कार्यवाही की बात कही है उन्होंने कहा है कि ऐसे अधिकारियों की सर्विस बुक पर नेगेटिव रिपोर्ट लगाने की जरूरत है। कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि वह भाजपा विधायक को उनके साहस के लिए बधाई देती हैं।अगर वे यह बात प्रोजेक्ट की शुरुआती चरण में बता देते, तो राज्य को इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है और अगर इसमें इस तरह की गड़बड़ी हुई है, तो उसकी जांच होना भी बेहद जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इसमें अधिकारियों, विभागीय मंत्री और सरकार की भी जिम्मेदारी है, क्योंकि परियोजना को ठीक से अमलीजामा पहनाने के लिए इन सब को पहले ही पूरी निगरानी के साथ अधिकारियों से काम कराना चाहिए था।

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