राजधानी देहरादून में पिछले कई दिनों से मलिन बस्तियों में अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ राजनीतिक दल भी इसको लेकर विरोध जता रहे हैं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ स्थानीय लोग भी शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से मिले और उन्होंने इस अभियान पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेश पर जो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है उसमें नियमों की अनदेखी हो रही है। उन्होंने कहा कि न्यायालय की ओर से यह कहा गया है कि जो कुछ भी किया जाए वह नियमानुसार किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से पहले सभी लोगों को नोटिस दिया जाना चाहिए था उनका पक्ष सुनने के बाद ही आगे की कार्यवाही होनी चाहिए, लेकिन प्रशासन सीधे तोड़फोड़ कर रहा है जो कि कहीं से ठीक नहीं है। वहीं प्रदेश के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि 2016 के बाद से नदियों के किनारे अवैध रूप से किए गए निर्माण पर यह कार्यवाही की जा रही है। उन लोगों को चिन्हित करके प्रशासन यह अभियान चला रहा है। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जो प्रतिनिधिमंडल मिलने आया था उन्होंने कहा है कि 11 मार्च 2016 से पहले के निर्माण को भी तोड़ा जा रहा है। इसका संज्ञान लेकर मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि जिन लोगों के पास 11 मार्च 2016 से पहले के प्रमाण हैं उनके घरों को ना तोड़ा जाए।
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