फरवरी माह के तीसरे गुरुवार को विश्व मानवविज्ञान दिवस मनाया जाता है। मानवविज्ञान को आम जनमानस तक पहुचाने, मानविकी और मानवीय भावनाओ का विकास सभी जन मे हो मानवविज्ञान दिवस का प्रमुख ध्येय है। विश्व मानवविज्ञान दिवस की शुरुआत सन् 2016 से हुई । आज जब समाज में विभिन्नताओं के कारण विघटन और संघर्ष जारी है, मानव की भिन्नता के बावजूद एकता की समझ किसी भी समाज को श्रेष्ठ बनाती है। इसलिए जहां चारों और विश्व में युद्ध और नफरत का माहौल है मानवविज्ञान जैसे मानवीय विषयों को बढ़ावा देकर जनसामान्य की समझ को मौजूद भिन्नताओं के अनुरूप बनाकर इस घरा को मानव जीवन के लिए एक आदर्श और सुरक्षित स्थान बनाना है। दून विश्वविद्यालय मे मानवविज्ञान विभाग द्वारा विश्व मानवविज्ञान दिवस मनाया गया जिसमे डीन सोसल सांइस प्रोफेसर आर. पी. मंमगाई मुख्य अतिथि ने उत्तराखंड की जनजातियों के अध्ययन पर बल दिया। मुख्य वक्ता के रूप में थियेटर विभाग के डा. राकेश भट्ट ने छात्रों से मानविकी को जीवन में आत्मसात करने पर जोर दिया। थियेटर विभाग के ही डा.अजीत पंवार ने जनजातीय लोक जीवन से अनेकता मे एकता का गुण सीखने की जरूरत है। मानवविज्ञान विभाग के डा. मानवेंद्र बर्तवाल ने विश्व मानवविज्ञान दिवस को सफल बनाने के लिए सबका धन्यवाद किया। कार्यक्रम में एम.ए./एम.एस.सी. प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग लिया।
फरवरी माह के तीसरे गुरुवार को विश्व मानवविज्ञान दिवस मनाया जाता है
Posted on by AJAY PANDEY

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