समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ड्राफ्ट सौंप दी है। समिति की अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई की मौजूदगी में समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री धामी को ड्राफ्ट सौंपी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान इस ड्राफ्ट को विधानसभा में पास कराया जाएगा।
आपको बता दें कि विधानसभा सत्र 5 से 8 फरवरी तक आहूत किया गया है। उत्तराखंड सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल 6 फरवरी को विधानसभा में पेश किया जाएगा। सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा की बैठक में सदन संचालित करने के लिए एजेंडा तय किया जाएगा।
बता दें कि पुष्कर सिंह धामी दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने वायदे के अनुसार 23 मार्च 2022 को हुई पहली मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में नागरिक संहिता कानून (यूसीसी) लागू करने का फैसला किया। यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित कर दी गई।
*यह है पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति*
सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ शामिल हैं।
*क्या है समान नागरिक संहिता*
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में देश में निवास कर रहे सभी धर्म और समुदाय के लोगों के लिए समान कानून की वकालत की गई है। अभी हर धर्म और जाति का अलग कानून है, इसके हिसाब से ही शादी, तलाक जैसे व्यक्तिगत मामलों में निर्णय होते हैं। यूसीसी लागू होने के बाद हर धर्म और जाति के नागरिकों के लिए विवाह पंजीकरण, तलाक, बच्चा गोद लेना और सम्पत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में समान कानून लागू होगा।
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