– उत्तराखंड में मानसून सीजन से पहले राज्य का आपदा प्रबंधन विभाग एक बड़ी ड्रिल आयोजित करने जा रहा है। राज्य के सभी बांध और बड़ी जल धारण क्षमता वाले स्थलों की आपात स्थिति जांचने के लिए 6 जुलाई को एक बड़ी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। राज्य में ऐसे बांध और पुल की संख्या 24 है।सचिव आपदा रंजीत सिन्हा ने बताया है कि मैदानी इलाकों में नाले की सफाई से लेकर पहाड़ में बने बड़े डैम जिसमे की अधिकतर जल विद्युत उत्पादन के काम आते है में ये ड्रिल आयोजित की जाएगी। ताकि मानसून से पूर्व ही कोई आपात स्थिति हो तो उसकी तैयारी कर ली जाए। मॉक ड्रिल में यह देखा जाएगा कि सेंसर और सायरन सही काम कर रहे हैं या नहीं। साथ ही जो एसओपी बांध परियोजनाओं द्वारा बनाई गई हैं, आपातकालीन स्थिति में वह एसओपी धरातल में कितनी उपयोगी साबित होगी। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने धौलीगंगा बांध परियोजना के प्रतिनिधियों से धारचूला में 360 डिग्री का पांच किलोमीटर तक की रेंज वाला साइरन लगाने के निर्देश दिए। बैठक में टीएचडीसी के एजीएम एके सिंह ने बताया कि गाद जमा होने के कारण टिहरी बांध की जल भंडारण क्षमता 115 मिलियन घन मीटर तक घट गई है। पहले यह 2615 मिलियन घन मीटर थी और वर्तमान में यह 2500 मिलियन घन मीटर पर आ गई है। बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने उत्तर प्रदेश इरिगेशन विभाग के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई। उत्तराखंड में यूपी इरीगेशन के नियंत्रणाधीन बांध और बैराजों में अर्ली वार्निंग सिस्टम नहीं लगाने पर सचिव आपदा प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयी ग्लेशियरों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है, इसलिए इनका अध्ययन भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि ग्लेशियर झीलों के अध्ययन के लिए जल्द एक दल जा रहा है। ग्लेशियरों के अध्ययन के लिए भी एक दल जल्द भेजा जाएगा। बैठक में यूजेवीएनएल के अधिशासी निदेशक पंकज कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उन्होंने सेटेलाइट फोन भी खरीद लिए हैं। आपदा के समय यदि संचार व्यवस्था ठप हो जाए तो इनसे संवाद करने में बड़ी मदद मिलेगी। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि यदि और सेटेलाइट फोन की जरूरत हो तो यूएसडीएमए से ले सकते हैं।बैठक में सचिव डॉ. सिन्हा ने कहा कि नदी के किनारे डेंजर प्वाइंट चिन्हित किए जाने जरूरी हैं ताकि अचानक जलस्तर बढ़ने पर नदी में जाने वाले लोगों की सुरक्षा को खतरा न हो और लोग वहां जाने से बचें।उन्होंने विष्णुप्रयाग बांध परियोजना के प्रतिनिधियों को सख्त हिदायत दी कि वे जल्द से जल्द अपनी एसओपी, इमरजेंसी एक्शन प्लान और शैडो कंट्रोल यूएसडीएमए के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के साथ साझा करें।
मानसून सीजन के लिए आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक, आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने अधिकारियों को दिए निर्देश
Posted on by AJAY PANDEY
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