वर्षों के इंतजार के बाद रामलला अयोध्या में अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। रामलला सबको मोहित कर रहे हैं रामलला को 5 साल के बाल स्वरूप के तौर पर स्थापित किया गया है। रामलला के कपड़े और आभूषण उनके दिव्य स्वरूप को और ज्यादा आभा दे रहे हैं। इन्हें बनाने के लिए काफी रिसर्च की गई और जो दृश्य आपके सामने है उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। इसके लिए आध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और आलवंदार स्त्रोत में वर्णित भगवान राम के रूप का वर्णन को भी ध्यान में रखा गया. इन धार्मिक ग्रंथों और अयोध्या के कवि यतीन्द्र मिश्रा के वर्णन के आधार पर लखनऊ के हरसाहीमल श्यामलाल ज्वैलर्स ने आभूषणों को तैयार किया है। भगवान के इस भाव और दिव्य रूप को कह सकते हैं तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार राघव जी
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार राघव जी।
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