उ
उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे सभी श्रमिक सकुशल हैं। सभी श्रमिक हिम्मत बनाए हुए हैं। श्रमिकों से संवाद के लिए बीएसएनएल की मदद से अतिरिक्त कम्युनिकेशन सेटअप तैयार किया गया है। श्रमिकों को पर्याप्त मात्रा में भोजन, एवं अन्य आवश्यक सामग्री मौजूद है। फंसे श्रमिकों का निरंतर डॉक्टरों से संवाद करवाया जा रहा है। साथ ही मनोचिकित्सकों से भी निरंतर परामर्श करवाया जा रहा है। पाइप में फंसे ऑगर मशीन की ब्लेड एवं साफ्ट को काटने का कार्य जारी है। इसके लिए लेजर कटर एवं प्लाज्मा कटर को भी मंगाया गया है, जोकि सिलक्यारा पहुंच चुका है। अब 13 मीटर के हिस्से को निकाला जाना बाकी है। अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में कई प्लानिंग पर एक साथ कार्य चल रहा है। जिसके तहत वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य शुरू कर लिया गया है। अब तक 15 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की गई है। RVNL द्वारा भी परपेंडिकुलर होरिजेंटल ड्रिलिंग का कार्य शुरू किया गया है। इसके लिए सभी मशीनें पहुंच चुकी हैं। परपेंडिकुलर होरिजेंटल ड्रिलिंग हेतु कंक्रीट बेड बनाए जाने का कार्य जारी है। उत्तराखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सचिव नीरज खैरवाल और अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद ने बताया कि ड्रिफ्ट टनल बनाने के विकल्प पर भी कार्य शुरू किया गया है। ड्रिफ्ट टनल का डिजाइन तय कर फ्रेम के फेब्रिकेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है। THDC ने भी बड़कोट साइड से टनल का निर्माण शुरू कर दिया है, जिसमें अब तक 4 ब्लास्ट कर 10 मीटर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ब्लास्टिंग में विशेष सावधानी बरती जा रही है।
+ There are no comments
Add yours